आज हम जानेंगें समन के बारे में जो की Crpc Sec 61 to Sec 69 / धारा 61 से धारा 69 दंड प्रक्रिया संहिता में प्रावधानित है | समन न्यायालय किसी व्यक्ति की हाजिरी को न्यायालय में विवश करने हेतु निकलता है | समन से सम्बंधित प्रावधान कुछ इस प्रकार है :-
समन :-{Crpc Sec 61 to Sec 69}
सर्वप्रथम हम यह देखेगें कि समन का प्रारूप कैसा होता और फिर यह जानेगें कि जब न्यायालय द्वारा समन जारी कर दिया जाता है तो वह किसके द्वारा और और किसके ऊपर तामिल किया जाता है।
1) समन का प्रारूप :- {धारा 61}
न्यायालय द्वारा जारी किए गए प्रत्येक समन का प्रारूप निम्नवत् होगाः-
i) लिखित होगा,
ii) दो प्रतियों में होगा,
iii) समन पर न्यायालय के पीठासीन अधिकारी या उच्च न्यायालय द्वारा निर्मित नियमों द्वारा निर्देशित अधिकारी के हस्ताक्षर होगें।
iv) इस पर न्यायालय की मुद्रा भी अंकित होगी।
2) समन की तामिल किसके द्वारा और कैसे की जाएगी :-{धारा 62}
i) समन की तामिल पुलिस अधिकारी द्वारा या न्यायालय के अधिकारी या लोक सेवक द्वारा की जाएगी।
ii) यदि सम्भव हो तो समन किए गए व्यक्ति पर समन की तामिल उस समन की दो प्रतियों में से एक का परिदान या निविदान करके वैयक्ति व्यक्तिगत रूप से की जाएगी।
iii) समन की तामिल करने वाले अधिकारी द्वारा समन किए गए व्यक्ति से दूसरी प्रति पर पृष्ठांकन ले लिया जाएगा।
3) यदि समन की तामिल निगमित निकाय या सोसाइटी पर की जानी हो तब प्रक्रिया :- {धारा 63}
निगमित निकायों तथा सोसाइटीयों पर समन की तामील उनके सचिव या स्थानीय प्रबंधक या अन्य मुख्य अधिकारियों के माध्यम से की जाएगी। पंजीकृत डाक के माध्यम से भी ऐसे समन की तामील की जा सकती है।
4) समन किए गए व्यक्ति के न मिलने पर प्रक्रिया :-{धारा 64}
जिस व्यक्ति पर समन की तामील की जानी है यदि वह नही मिलता है तो समन की तामील परिवाद के किसी वयस्क पुरूष सदस्य {जो सामान्यतः साथ निवास करता है} को समन की एक प्रति देकर समन की तामील की जा सकती है। सेवक परिवार का सदस्य नही है।
5) जब धारा 62,63 या 64 के अनुसार समन की ब्रामील न हो पाए तब प्रकिया :- {धारा 65}
यदि धारा 62, धारा 63 या धारा 64 के अनुसार समन की तामील न हो पाए तो एक प्रति घर के सहज दृश्य भाग पर चस्पा कर दी जाएगी।
6) यदि किसी शासकीय सेवक पर समन की तामील की जानी हो प्रक्रिया :-{धारा 66}
शासकीय सेवक पर समन की तामील कार्यालय प्रमुख के माध्यम से की जाएगी तथा कार्यालय प्रमुख धारा 62 अर्थात समन की प्रति उस व्यक्ति को दे देना और दूसरी प्रति पर उसके हस्ताक्षर लेना के अनुसार समन की तामील कराएगा और उस दूसरी प्रति पर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर के साथ अपने हस्ताक्षर करके न्यायालय को लौटा देगा। इस प्रकार किए गए हस्ताक्षर इस बात का साक्ष्य होगें कि समन की तामील हो गई है।
7) जिस न्यायालय द्वारा समन जारी किया गया है उस न्यायालय की स्थानीय अधिकारिताओं के बाहर समन की तामील की जाने की प्रक्रिया :-{धारा 67}
जब न्यायालय यह चाहता है कि उसके द्वारा जारी किए समन की तामील उसकी स्थानीय अधिकारिता के बाहर किसी स्थान में की जाए तब वह {न्यायालय} मामूली तौर पर ऐसा समन दो प्रतियों में उस मजिस्टेट को भेजेगा जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर उसकी तामील की जानी हैैैै या उस मजिस्टेªट को भेजेगा जिसकी स्थानीय अधिकारिता के भीतर ऐसा व्यक्ति निवास करता है।
8) जब समन की तामील न्यायालय की स्थानीय अधिकारिता से बाहर की गई है और यदि सुनवाई वाले दिन समन की तामील करने वाला अधिकारी अनुपस्थित है तौ इस बात का क्या सबूत होगा कि समन की तामील हो चुकी है :-{धारा 68}
जब समन की तामील न्यायालय की स्थानीय अधिकारिता से बाहर की गई है और यदि सुनवाई वाले दिन समन की तामील करने वाला अधिकारी अनुपस्थित हो तो उस समन की दूूसरी प्रति के साथ एक शपथ पत्र संलग्न किया जाएगा कि समन की तामील हो गई है। दूसरे शब्दों में कहे तो शपथ पत्र के माध्यम से समन की तामील का कथन किया जाएगा।
Crpc Sec 82 to Sec 86 | धारा 82 से धारा 86 दंड प्रक्रिया संहिता
9) जब किसी साक्षी पर समन की तामील डाक द्वारा की जानी हो तब प्रक्रिया :-{धारा 69}
न्यायालय किसी साक्षी पर समन की तामील व्यक्तिगत रूप सेे करने का निर्देश दे सकता है या उसके .साथ-.साथ किसी पंजीकृत डाक से भी समन की तामील का आदेेेेेेश देे सकता हैैैैैैैै।
डाक द्वारा समन की तामील तब पूरी मानी जाएगी जब साक्षी द्वारा हस्ताक्षर करके अभिस्वीकृति दे दी जाएगी या डाक कर्मचारी द्वारा यह पृष्ठाकंन कर दिया जाएगा कि साक्षी ने समन लेने से इकंार कर दिया है, तो न्यायालय यह घोषित कर सकता है कि समन की सम्यक रूप से तामील कर दी गई है।