आज हम जानेंगे Sec 24, 25 And 25-A of CRPC | जिसके अंतर्गत लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक,सहायक लोक अभियोजक व अभियोजन निदेशालय के बारे में बताया गया है | न्यायिक सेवाओं की परीक्षाओं को ध्यान रखते हुए प्री.व मुख्य परिक्षाके द्रष्टिकोण से |
लोक अभियोेजक :-{Sec 24 of CRPC}
उच्च न्यायालय हेतु लोक और अपर लोक अभियोेजक :-{धारा 24(1)}
केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार, उच्च न्यायालय के परामर्श के पश्चात्, उस उच्च न्यायालय में किसी अभियोजन, अपील या अन्य कार्यवाही के संचालन के लिए एक लोक अभियोजक नियुक्त करेगी और एक या अधिक अपर लोेक अभियोजक नियुक्त कर सकती है।
सत्र न्यायालय हेतु लोक और अपर लोक अभियोजक :-{धारा 24(2),(3),(4),(5),(6)}
केन्द्रीय सरकार किसी जिले या स्थानीय क्षेत्र में किसी मामले या किसी वर्ग के मामलो के लिए एक या अधिक लोक अभियोजक नियुक्त कर सकती है। {धारा 24(2)}
प्रत्येक जिले के लिए राज्य सरकार एक लोक अभियोजक नियुक्त करेगी और जिले के लिए एक या अधिक अपर लोक अभियोजक भी नियुक्त कर सकती है।
एक जिले के लिए नियुक्त लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोेजक किसी अन्य जिले के लिए भी लोक या अपर अभियोजक भी नियुक्त कर सकती है। {धारा 24(3)}
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राज्य सरकार द्वारा किसी जिले में लोक अभियोजक और अपर लोक अभियोजक की नियुक्ति किस प्रकार की जाएगी :-{धारा 24(4),(5) एवं (6)}
जिला मजिस्ट्रेट, सेशन न्यायाधीश के परामर्श से, ऐसे व्यक्तियों के नामों का एक पैनल तैयार करेगा जो उसकी राय में उस जिले के लिए लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोजक नियुक्त किए जाने के योग्य हैं। {धारा 24(4)}
कोई भी ऐसा व्यक्ति राज्य सरकार द्वारा लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोजक द्वारा नियुक्त नही किया जाएगा जिसका नाम जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पैनल में न हो।
दूसरे शब्दों में कहे तो राज्य सरकार ऐसे व्यक्ति को ही लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोजक नियुक्त करेगी जिसका नाम जिला मजिस्ट्रेट द्वारा तैयार पैनल में होगा। {धारा 25(5)}
लेकिन अगर किसी राज्य में अभियोजन अधिकारियों का पियमित काडर है वहाँ राज्य सरकार ऐसा काडर गठित करने वाले व्यक्तियों में से किसी व्यक्ति को लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोजक नियुक्त करेगी।
लेकिन अगर राज्य सरकार को यह प्रतीत कोता है कि ऐसे नियमित काडर में से कोई भी व्यक्ति नियुक्ति हेतु उपलब्ध नही है तो वहाँ राज्य सरकार जिला मजिस्ट्रेट द्वारा तैयार पैनल में से लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोजक की नियुक्ति करेगी। {धारा 25(6)}
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विशेष लोक अभियोजक :- {धारा 24(8)}
केन्द्रीय सरकार राज्य सरकार किसी मामले या किसी वर्ग के मामलो के प्रयोजनों के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त कर सकती है जिसके द्वारा कम से कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता के रुप में विधि व्यवसाय किया गया हो। {किसी भी न्यायालय हेतु नियुक्त किया जा सकता है}
लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोजक नियुक्त किए जाने हेेतु अर्हता :-{धारा24(7)}
कोई भी व्यक्ति लोक अभियोजक या अपरलोक अभियोजक के रुप में नियुक्त होने के लिए पात्र तभी होगा जब उसके द्वारा अधिवक्ता के रुप में कम-से-कम 7 वर्ष तक विधि व्यवसाय किया गया हो।
ऐसी अवधि, जिसके, अतंर्गत किसी व्यक्ति द्वारा प्लीडर के रुप में विधि व्यवस्था किया गया है या लोक अभियोजक या अपर लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक या अन्य किसी अभियोजन अधिकारी के रुप में सेवाएँ दी है, के लिए यह समझा जाएगा कि उस अवधि में ऐसे व्यक्ति द्वारा अधिवक्ता के रूप में विधि व्यवसाय किया गया है और जब भी लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक सहायक विशेष लोक अभियोजक के प्रयोजनों हेतु अवधि की गणना की जाएगी तो ऐसी अवधि को मान्यता दी जाएगी और यह समझा जाएगा कि ऐसे वयक्ति द्वारा अधिवक्ता के रूप में विधि व्यवसाय किया गया है। {धारा 24(9)}
सहायक लोक अभियोजक :-{Sec 25 of CRPC}
राज्य सरकार प्रत्येक जिले में मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों में अभियोजन का संचालन करने के लिए एक या अधिक सहायक लोक अभियोजक नियुक्त करेगी।{धारा25(1)}
मजिस्ट्रेट के न्यायालयों में किसी मामले या किसी वर्ग के मामलों के लिए केंद्रीय सरकार एक या अधिक सहायक लोक अभियोजक नियुक्त कर सकती है।{धारा 25(1-A)}
कोई पुलिस अधिकारी सहायक लोक अभियोजक नियुक्त हो सकता है :-
सामान्य नियम तो यह है की कोई पुलिस अधिकारी लोक अभियोजक नियुक्त नही हो सकता है | किन्तु इस नियम का एक अपवाद है जो की धारा 25 की उपधारा (3) में बताया गया है जिसके अंतर्गत पुलिस अधिकारी सहायक लोक अभियोजक नियुक्त हो सकता है | {धारा 25(2)}
इस साधारण नियम का अपवाद यह है की अगर कोई सहायक लोक अभियोजक किसी विशिष्ट मामले के प्रयोजनों के लिए उपलब्ध नही है तो ऐसी स्थिति में जिला मजिस्ट्रेट किसी अन्य व्यक्ति को उस मामले का भारसाधक सहायक लोक अभियोजक नियुक्त कर सकता है |
किंतु एक पुलिस अधिकारी को सहायक लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है लेकिन अगर-
(क) उस पुलिस अधिकारी द्वारा उस अपराध के अन्वेषण में कोई भाग लिया गया है जिसमें अभियुक्त अभियोजित है या
(ख) यदि वह पुलिस अधिकारी निरीक्षक की पंक्ति से नीचे का है तो ऐसा पुलिस अधिकारी सहायक लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त नही किया जा सकता है।{धारा 25(3)}
अभियोजन निदेशालय :-{Sec 25-A of CRPC}
धारा 25-A संशोधन अधिनियम 2005 द्वारा अंतः स्थापित की गई है।
अभियोजन निदेशालय की स्थापना :-{धारा 25-A(1)}
राज्य सरकार एक अभियोजन निदेशालय स्थापित कर सकती है। जिसमें एक अभियोजन निदेशालय होगें जितने राज्य सरकार ठीक समझे।
अभियोजन निदेशालय या अभियोजन उप निदेशक हेतु पात्रता :-{धारा 25-A(2)}
कोई व्यक्ति अभियोजन निदेशक या अभियोजन उपनिदेशक के रूप में नियुक्त के लिए तभी पात्र होगा जब वह कम से कम 10 वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में व्यवसाय कर चुका है और ऐसी नियुक्ति उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सहमति से की जाएगी।
अभियोजन निदेशालय किसके नियंत्रण के अधीन होगा :-{धारा 25-A(3)}
अभियोजन निदेशालय का प्रधान अभियोजन निदेशक होगा। जो कि राज्य में ग्रह विभाग के प्रधान के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करेगा।
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अभियोजन की अधीनस्थता :-{धारा 25-ंA(4), (5) एवंम् (6)}
- प्रत्येक अभियोजन उपनिदेशक, अभियोजन निदेशक के अधीनस्थ होगा।
- प्रत्येक लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक और विशेष लोक अभियोजक, जो राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में मामलों का संचालन करने के लिए किए जाएगें, अभियोजन निदेशक के अधीनस्थ होगें।
- प्रत्येक लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक और विशेष लोक अभियोजक, जो राज्य सरकार द्वारा जिला न्यायालयों में मामलों का संचालन करने के लिए नियुक्त किया जाएगा, तथा सहायक लोक अभियोजक अभियोजन उपनिदेशक के अधीनस्थ होगें।
अभियोजन निदेशक और उपनिदेशक की शक्तियाँ और कार्य :-{धारा 25-A(7)}
राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा अभियोजन निदेशक और उपनिदेशक के कार्यों और शक्तियों को विनिर्दिष्ट करेगी।